सरकार ने गन्ना किसानों के कल्याण के लिए गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति जारी की है। यह नीति छोटे और सीमांत किसानों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है। आइए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से।
नए सदस्यों के लिए लाभ
गन्ना समितियों के नए सदस्य, जो 30 सितम्बर 2024 तक बनेंगे, उन्हें पेराई सीजन 2024-25 में गन्ना आपूर्ति की सुविधा मिलेगी। इस योजना के अंतर्गत यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी नए सदस्यों को उनके दस्तावेजों की जांच के बाद गन्ना सट्टा का लाभ दिया जाता है।
ड्रिप सिंचाई को बढ़ावा
गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने और जल संरक्षण के महत्व को ध्यान में रखते हुए, ड्रिप सिंचाई से सिंचाई करने वाले किसानों को अतिरिक्त सट्टे में प्राथमिकता दी गई है। यह निर्णय जल प्रबंधन में सुधार और उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लघु गन्ना किसानों के लिए विशेष प्रावधान
- 72 कुंटल तक के गन्ना किसानों को लघु कृषकों की श्रेणी में शामिल किया गया है।
- रटून गन्ने की पर्चियां 01 से 03 चरण में दी जाएंगी।
- पौध गन्ने की पर्चियां 07 से 09 चरण में वितरित की जाएंगी।
- जिन किसानों का सट्टा 36 कुंटल तक है, उन्हें रटून गन्ने की पर्चियां पहले चरण में और पौध गन्ने की पर्चियां सातवें चरण में दी जाएंगी।
यांत्रिक गन्ना कटाई
सट्टा नीति में यांत्रिक गन्ना कटाई की अनुमति दी गई है। यह कदम किसान के लिए काम की गुणवत्ता बढ़ाने के साथ-साथ लागत को भी कम करने में सहायक होगा। चीनी मिलें इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू कर सकती हैं।
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टोल फ्री नंबर
किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए टोल फ्री नंबर 1800-121-3203 की व्यवस्था की गई है। किसान इस नंबर पर अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।
यह नई गन्ना सट्टा और आपूर्ति नीति छोटे किसानों को फायदे देने वाला एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे न केवल गन्ना उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों के समुचित विकास का मार्ग भी प्रशस्त होगा। सरकार ने इस नीति को लागू कर कृषि विकास को एक नई दिशा दी है, जिससे किसानों को आर्थिक सहायता और तकनीकी उन्नति दोनों में मदद मिलेगी।
इस नीतियों का लाभ उठाएं और अपने क्षेत्र में गन्ना खेती को सफल बनाएं।